10-18-2023, 08:44 AM
श्री शांतिनाथ मण्डल विधान पूजन
स्थापना
गीत
आवो आवो नाथ मेरे तिष्ट इस शुभ मंडले । संसार बन्धन तोड़ने को बैठिये हृदये भले |
नाम शान्तिनाथ है शुभ शान्ति के दाता सदा । हे नाथ हम पूजें चरण तव होत याते भव विदा ||
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन बिमुक्त सकल शान्तिकम् सम्पूर्णोत्तम हे पंचम चक्रेश्वर अत्रावतरावतर संवौषठ इत्याह्वान ।
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन विमुक्त सम्पूर्णोत्तम मंगलप्रद है द्वादश कामदेवेन्द्र अत्र तिष्ट तिष्ट ठः ठः स्थापनं |
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन विमुक्त सम्पूर्णोत्तम मंगलप्रद हे षोडषोत्तम तीर्थकर अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट सन्निधिकरणं ।
पूजा
प्रथम वलय
द्वितीय वलय
तृतीय वलय 1 से 16 अर्घ्य
तृतीय वलय-17 से 32 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -1 से 16 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -17 से 32 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -33 से 48 अर्घ्य
चतुर्थ वलय - 49 से 64 अर्घ्य
जाप & जयमाला
स्थापना
गीत
आवो आवो नाथ मेरे तिष्ट इस शुभ मंडले । संसार बन्धन तोड़ने को बैठिये हृदये भले |
नाम शान्तिनाथ है शुभ शान्ति के दाता सदा । हे नाथ हम पूजें चरण तव होत याते भव विदा ||
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन बिमुक्त सकल शान्तिकम् सम्पूर्णोत्तम हे पंचम चक्रेश्वर अत्रावतरावतर संवौषठ इत्याह्वान ।
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन विमुक्त सम्पूर्णोत्तम मंगलप्रद है द्वादश कामदेवेन्द्र अत्र तिष्ट तिष्ट ठः ठः स्थापनं |
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन विमुक्त सम्पूर्णोत्तम मंगलप्रद हे षोडषोत्तम तीर्थकर अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट सन्निधिकरणं ।
पूजा
प्रथम वलय
द्वितीय वलय
तृतीय वलय 1 से 16 अर्घ्य
तृतीय वलय-17 से 32 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -1 से 16 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -17 से 32 अर्घ्य
चतुर्थ वलय -33 से 48 अर्घ्य
चतुर्थ वलय - 49 से 64 अर्घ्य
जाप & जयमाला