चतुर्विध संघ
#1

देशप्रत्यक्षके धारक और कंवलज्ञान-धारक मुनि कहं जाते हैं जिन्हें ऋद्धि प्रकट हुई हैं, ऋषि कहे गये हैं। दोनों श्रेणियों पर आरूढ साधु यति हैं और शेष सर्व साधु अनगार कहे पये है। ऋद्धि धारक साधु भी चार प्रकार के है-वित्रिया और अक्षीणशक्ितिको प्राप्त साधु राजर्षि हैं, बुद्धि और औषधिऋद्धिके स्वामी ब्रह्मर्षि है आकाश में गमन-कुशल साधु देवर्षि है और विश्ववेत्ता सर्वज्ञ परमर्षि जानना चाहिये ।।२२॥
Reply


Messages In This Thread
चतुर्विध संघ - by scjain - 01-31-2021, 10:38 AM
RE: चतुर्विध संघ - by SaloniSharma - 02-04-2021, 09:29 AM

Forum Jump:


Users browsing this thread: 1 Guest(s)