प्रवचनसारः गाथा -87 वस्तु व्यवस्था
#3

आचार्य ज्ञानसागरजी महाराज कृत हिन्दी पद्यानुवाद एवं सारांश

गाथा -87


जिनागममें है पदार्थका यथार्थ वर्णन किया गया ।
गुणमय वस्तु और पर्ययमय गुण यो तत्पन लिया गया ॥
जो नर अरहन्तोपदेश पाकरके तात्विक भावसने ।
मोहरागरोष प्रणाशकर शीघ्रतया वह शांत बने ॥ ४४ ॥
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प्रवचनसारः गाथा -87 वस्तु व्यवस्था - by Manish Jain - 09-25-2022, 03:16 PM
RE: प्रवचनसारः गाथा -87 वस्तु व्यवस्था - by sumit patni - 09-25-2022, 03:18 PM
RE: प्रवचनसारः गाथा -87 वस्तु व्यवस्था - by sandeep jain - 09-25-2022, 03:20 PM

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