चतुर्विध संघ
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चतुर्विध  संघ :-
चतुर्विध संघ के ४ भेद होते हैं
- भगवान अरिहंत देव की दिगम्बर अवस्था को धारण करने वाले भिक्षु कहलाते है |उनके अनगार, यति, मुनि और ऋषि ये भेद होते है |
- जो उपशम श्रेणी तथा शप क श्रेणी में विराजमान है,उन्हे यति कहते है |
- अवधिज्ञानी , मन:पर्ययज्ञानी और केवलज्ञानियो को मुनि कहते है |
- जिन्हे ऋद्धियाँ प्राप्त हो चुकी हो ,उन्हे ऋषि कहते है 

ऋषि चार प्रकार के होते है :- राजर्षि ,ब्रह्मर्षि, देवर्षि, और परमर्षि के भेद से ऋषि चार प्रकार के होते है |
राजर्षि - - जिन्हे विक्रिया ऋद्धि और अक्षीण ऋद्धि प्राप्त हो चुकी हो ,उन्हे राजश्री कहते है |
ब्रह्मर्षि - बुद्धि और औशधि ऋद्धि को धारण करने वाले को ब्रह्मर्षि कहते है |
देवर्षि - आकाशगामिनी ऋ द्धि को धारण करने वाले को देवर्षि कहते है |
परमर्षि - केवलज्ञानी को परमर्षि कहते है |
- साधारण साधुओं को अनगार कहते है |
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