फ्लोअरिंग और टाईलिंग
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फ्लोअरिंग और टाईलिंग
Taken from : Ambuja Technical  Literature Series -15

फ्लोअरिंग (जमीन)

फ्लोअरिंग (जमीन) करने से और टाईल्स बिछाने से पहले की तैयारियाँ
टाईल्स लगने के पहले नीचे की जमीन पूरी तरह से तैयार की जाती है। जिससे भविष्य में यदि कोई काम हो तो पूरा बांधकाम तोडने कि आवश्यकता नहीं रहती।
जैसे कि फ्लोअर (जमीन) में सर्विस केबल डालना, पाईप डालना वगैरह, अंदर की दीवारे, छत, बाहर की दीवारों का प्लास्टर दरवाजे-खिडकियाँ जगह पर बिठाना, यदि कोई भारी काम करना हो तो उसे पहले ही कर लें।
कोई भी फ्लोअरिंग (जमीन) तैयार करने के पहिले उसके उतारलाइन लेवल के पॉईंट लेना जरुरी हैं। निर्गमस्थान (पानी के लिये) सही निकाल कर जमीन का काम पूरा किया जाता है।


कांक्रीट की फ्लोअरिंग (जमीन) / कोबा

सामान :
सीमेंट (अधिक जानकारी के लिए हमारी पुस्तिका पढें।) रेती, गिट्टी और पानी का इस्तेमाल, जमीन तैयार समय उसके तकनीकि हिसाब से होना चाहिये। आज कल ५३ ग्रेड के सीमेंट का किफायती इस्तेमाल क लिए 'कांक्रीट मिक्स - डिजाईन' किया जाता हैं। इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए हमारे 'टेक्निकल स डिविजन' से संपर्क करें।


चौखट का आकार:
जमीन तैयार करते समय उसमें कम से कम दरारें (क्रॅक्स) पड़नी चाहिये। इसके लिये सही आकार के तैयार करते हैं। चौखट का आकार ४ x ३ मीटर से ज्यादा न हो, या उसकी लंबाई, चौड़ाई से १.५ ग अधिक न हो।

फ्लोअरिंग में किए गये ज्वाइंट्स :
दो चौखट के बीच की फ्लोअर (जमीन) अच्छी तैयार होने के लिये और उसे दरारे पड़ने से रोकने के फ्लोअरिंग में ज्वाइंट्स किए जाते है।

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