वास्तु के अनुसार घर का निर्माणः-
#1

1. कुआं, बोरिंग, हैंडपम्प, पानी का रख-रखाव, पूजा, मनोरंजन स्थल, जन स्थल, कोषागार, स्वागत कक्ष उत्तर/ पूर्व ईशान्य में हो।

2.रसोई घर, रेडियो, टी.वी., हीटर, जैनरेटर, विद्युत के मुख्य उपकरण, स्विच बोर्ड, फ्रिज, आग्रेय दक्षिण पूर्व कोण में हों।

3. शयन कक्ष, शौचालय, शस्त्रागार, भारी, वजनी सामान, अलमारी, फर्नीचर, सोफा सैट दक्षिण पश्चिम दिशा में हों।

4.भोजनकक्ष, अध्ययन कक्ष, पश्चिम में हों।

5. धनागार, पशुस्थल, नौकरों का निवास स्थान, साइकिल, कार, वाहन का स्थान, वायव्य अर्थात उत्तर, पश्चिम कोण में हो।

6. भंडारगृह उत्तर दिशा में हो।

7. छत पर टैंकी दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) में हो लेकिन सैप्टिक टैंक, भूमिगत नाली अथवा गड्ढा न हो।

8. सीढ़ी दक्षिण दिशा में हो तथा चढ़ाव के समय मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में हो।
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