षट्खण्डागम के छह खण्ड
#1

जिनागम को छह खण्ड के द्वारा विभक्त करके “षट्खण्डागम" इस सार्थक नाम को देकर सिद्धान्तसूत्ररूप से लिपिबद्ध किया था।

छह खण्डों के अलग-अलग नाम हैं।

  1. जीवस्थान, 
  2. क्षुद्रकबंध, 
  3. बन्धस्वामित्वविचय, 
  4. वेदनाखण्ड, 
  5. वर्गणाखण्ड 
  6. महाबंध 
उनमें छठे खण्ड को छोड़कर शेष पाँच खण्डों में छह हजार सूत्र हैं तथा छठे खण्ड (महाबंध) में तीस हजार सूत्र हैं ऐसा श्रुतावतार में कहा है ।
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#2

उसमें प्रथम खंड में दो हजार तीन सौ पिचहत्तर सूत्र हैं, द्वितीय खंड में पन्द्रह सौ चौरानवे सूत्र हैं, तृतीय खण्ड तीन सौ चौबिस सूत्र हैं, चतुर्थ खण्ड में पन्द्रह सौ पचीस सूत्र हैं और पंचम खण्ड में एक में हजार तेईस सूत्र हैं।
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